Madhubani जिले के हरलाखी प्रखंड मुख्यालय उमगांव में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अवैध वसूली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कार्यपालक सहायक अशोक कुमार पर आरोप है कि वे प्रमाण पत्र जारी करने के लिए फरियादियों से ₹100 से ₹300 तक की रिश्वत मांगते हैं। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब एक सोशल मीडिया पर इस से संबंधित एक वीडियो तेजी से viral हुआ।
इस viral video में अशोक कुमार निर्भीक होकर फरियादियों से पैसे मांगते और न देने पर उनके दस्तावेज छीनते हुए नजर आ रहे हैं। गोपालपुर गांव के अशोक कुमार साफी और हरलाखी के ललन प्रसाद भगत ने बताया कि उनसे ₹300 की डिमांड की गई। मोलभाव के बाद यह राशि ₹100 तक आई।
Social media पर तेजी से वायरल हो रहा है Harlakhi viral video
Madhubani Harlakhi के Viral Video का घटनाक्रमप्रखंड मुख्यालय उमगांव में कार्यपालक सहायक अशोक कुमार फरियादी से कागज पर हस्ताक्षर करवाने के बाद रिश्वत की मांग करते हैं। फरियादी ललन प्रसाद भगत और कार्यपालक सहायक अशोक कुमार के बातचीत का कुछ अंश:
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वायरल वीडियो में अशोक कुमार को खुलेआम फरियादियों से पैसे मांगते और न देने पर उनके दस्तावेज छीनते हुए साफ देखा जा सकता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि वे मांगी गई रिश्वत नहीं देते हैं, तो उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाता है। Harlakhi viral video ने उमगांव में सरकारी सेवाओं में फैले भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर किया है।
हरलाखी के ललन प्रसाद भगत ने बताया कि उनसे जन्म प्रमाण पत्र के लिए ₹300 की मांग की गई, लेकिन बाद में ₹100 लेकर काम पूरा किया गया। इसी तरह, गोपालपुर गांव के अशोक कुमार साफी ने बताया कि उनसे भी ₹300 मांगे गए, लेकिन मोलभाव के बाद ₹100 में काम निपटाया गया। इन घटनाओं ने उमगांव में अवैध उगाही और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी
इस मामले ने सरकारी सेवाओं में भरोसे को कमजोर किया है। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रिश्वत और अन्य प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रशासन को त्वरित और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। यह घटना रिश्वतखोरी मामला मधुबनी के छवि पर गहरा दाग लगा रहा है ।
यह पूरा घटनाक्रम प्रखंड विकास पदाधिकारी के ऑफिस से कुछ ही दूरी पर हो रहा है, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता से भ्रष्टाचार बढ़ रहा है।
स्थानीय निवासियों ने उच्च अधिकारियों से मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नियम लागू करने की अपील की है।यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। इस घटना से न केवल आम जनता परेशान है, बल्कि सरकारी अधिकारियों की छवि पर भी असर पड़ा है। यह समय की मांग है कि प्रशासन इस तरह के अवैध कार्यों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए।