Madhubani बॉर्डर पर इंसानी बाल की तस्करी का अब तक का सबसे गंभीर मामला सामने आया है। डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने Madhubani के मधवापुर बॉर्डर से 80 लाख रुपये मूल्य के इंसानी बाल जब्त किए हैं। यह कार्रवाई उस समय हुई जब ट्रक बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहा था। ट्रक के तहखाने में छिपाकर रखे गए 16.8 इंसानी बाल बरामद हुए, जिनकी बाजार कीमत 80 लाख रुपये आंकी गई है।
डीआरआई ने इस मामले में बिहार और पश्चिम बंगाल से जुड़े तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करों में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी अताउर रहमान और अब्दुल अजीम शेख शामिल हैं। उनकी निशानदेही पर बिहार के एक और तस्कर को गिरफ्तार किया गया। फिलहाल, तीनों से मुजफ्फरपुर में पूछताछ की जा रही है।
तिरुपति से बाल लाकर Madhubani के रास्ते चीन भेजने की थी योजना
इस बाबत बताया जा रहा है कि भारतीय इंसानो के बाल से बने विग की चीन में अधिक मांग है।जब्त इंसानी बाल तेलांगना के तिरुपति से खरीदकर लाया गया था।बता दे कि तिरुपति में मुंडन के लिए बड़े पैमाने पर श्रद्धालु पहुंचते है।इसे अन्तराष्ट्रीय तस्कर बाल एकत्रित कर नेपाल के रास्ते चीन भेजता है।डीआरआई के सूत्रों ने बताया कि सूचना थी।
मंगलवार को पता चला कि बिहार और पश्चिम बंगाल के तीन तस्करों के नेपाल बॉर्डर से इंसानी बाल ले जाने की कोशिश में है,जिसपर यह कारवाई की गई।डीआरआई के मुताबिक ट्रक के तहखाने से काफी मात्रा में इंसानी बाल बरामद होने के उपरांत ट्रक को जब्त करते हुए तीन तस्कर को गिरफ्तार किया गया।गिरफ्तार तस्कर पश्चिम के मुर्शिदाबाद निवासी अताउर रहमान एवं अब्दुल अजीम शेख की निशानदेही पर बिहार के एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया।
डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि तीन तस्कर नेपाल बॉर्डर से इंसानी बाल की तस्करी की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर ट्रक को Madhubani के मधवापुर बॉर्डर पर रोका गया। ट्रक की तलाशी लेने पर तहखाने में छिपाकर रखे गए बाल बरामद हुए। ट्रक को जब्त करने के साथ ही तीनों तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
Madhubani में सक्रिय हैं तस्करों का नेटवर्क
Madhubani बॉर्डर पर तस्करों का नेटवर्क काफी मजबूत है। यह गिरोह इतने प्रभावशाली हैं कि कई बार सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) पर भी हमला कर चुके हैं। डीआरआई ने बताया कि यह पहली बार है जब मधुबनी क्षेत्र में इंसानी बाल की तस्करी का खुलासा हुआ है।
यह घटना मधुबनी बॉर्डर पर तस्करों के नेटवर्क और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। डीआरआई की यह कार्रवाई तस्करी के गिरोह पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।