
फुलपरास प्रखंड कार्यालय के सभागार में सोमवार को नवगठित बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की पहली बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र नारायण कामत ने की, जबकि संचालन प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार निगम द्वारा किया गया। इस बैठक में प्रखंड प्रमुख राम पुकार यादव, उपाध्यक्ष संजय रजक, सभी नव मनोनीत सदस्य, और विभिन्न विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा तय बीस सूत्री कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करना और इन योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने की रणनीति तय करना रहा। बैठक के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, मनरेगा, पेयजल, कृषि, बाल विकास परियोजना और अन्य जनहित से जुड़ी योजनाओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
बैठक में सदस्यों ने यह भी कहा कि कई सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार, बिचौलियों की सक्रियता, और दाखिल-खारिज व परिमार्जन जैसी प्रक्रियाओं में आम लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस पर गंभीर चिंता जताई गई। सदस्यों ने विकास योजनाओं के लिए अनाप्ति प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही अनावश्यक देरी का मुद्दा भी उठाया, जिससे योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन में बाधा उत्पन्न होती है।
अध्यक्ष उपेन्द्र नारायण कामत ने बैठक में मौजूद सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता पर हल किया जाए और योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर जवाबदेही के साथ कार्य करें, ताकि सरकार की योजनाएं सही ढंग से लाभुकों तक पहुंच सकें।
बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने यह संकल्प लिया कि बीस सूत्री कार्यक्रमों के तहत हर योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने, सतत निगरानी रखने, और जनहित में पूरी निष्ठा के साथ कार्य करने की दिशा में समिति पूरी जिम्मेदारी से काम करेगी।
यह बैठक केवल योजनाओं की समीक्षा तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह प्रशासनिक सुधार और आम जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक ठोस प्रयास के रूप में देखी गई। यह बैठक स्थानीय प्रशासन और जनता के बीच समन्वय मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुई।
बैठक में उपस्थित अन्य सदस्यों में विश्वनाथ कामत, शैलेन्द्र झा, अनार देवी, लखन राय, दिलीप कुमार कामत, कृष्णा कुमार साह, कुंदन कामत, भोला झा, प्रभाकर मंडल, प्रकाशवीर भारती और राम केशव कामत जैसे सक्रिय सदस्य शामिल थे। इन सभी ने योजनाओं की निगरानी और पारदर्शी क्रियान्वयन पर ज़ोर दिया।