
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 24 अप्रैल, 2025 को होने वाला Madhubani दौरा विकास और राजनीति दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। यह दौरा राष्ट्रीय पंचायत दिवस के आयोजन से जुड़ा हुआ है, जहां पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए कई बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा, इस दौरे को आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भी भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
Madhubani दौरे पर प्रस्तावित हैं कई आयोजन,प्रधानमंत्री हर महीने कर सकते हैं बिहार दौरा
राष्ट्रीय पंचायत दिवस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री हज़ारों करोड़ की योजनाओं की घोषणा करेंगे जिनका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना है। इस दौरान पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया जाएगा और बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण की आधारशिला रखी जा सकती है जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी।
राज्य में भाजपा की रणनीति के तहत प्रधानमंत्री हर महीने बिहार दौरा कर सकते हैं ताकि चुनावी माहौल को पार्टी के पक्ष में किया जा सके। यह लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी का चौथा दौरा होगा। एनडीए के शीर्ष नेताओं ने दौरे की तैयारियों को लेकर एक समीक्षा बैठक की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल रहे। इस बैठक में परियोजनाओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया और प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों का जायजा लिया गया।
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर भी बातचीत जारी है। विधानसभा की 243 सीटों को लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए विभाजित किया जा सकता है जिसमें भाजपा और जदयू प्रमुख दल होंगे। इस दौरे से गठबंधन की एकजुटता को और मजबूती मिलने की संभावना है।
बिहार में चल रहा है राजनीतिक उठापटक का दौर
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर इस बात की भी चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के प्रमुख चेहरा बने रहेंगे। गृह मंत्री अमित शाह के हालिया दौरे के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि आगामी चुनाव में नेतृत्व को लेकर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, हालांकि चुनाव परिणाम के बाद रणनीतिक बदलाव संभव हो सकता है।
राज्य में मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने के लिए भाजपा ने ‘सौगात-ए-मोदी’ जैसी पहल शुरू की है, जिससे पसमांदा मुस्लिम समुदाय को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है। यह समुदाय बिहार के चुनावी गणित में अहम भूमिका निभाता है और भाजपा इस वर्ग को साधने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले विपक्ष भी पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी 7 अप्रैल को बिहार दौरे की घोषणा की है, जिससे यह साफ हो गया है कि विपक्ष एनडीए को कड़ी चुनौती देने के मूड में है।
इसी बीच मुस्लिम संगठनों और जदयू के बीच असंतोष की खबरें भी सामने आ रही हैं। नीतीश कुमार द्वारा वक्फ़ बिल का समर्थन किए जाने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के कारण कुछ मुस्लिम संगठनों ने उनकी इफ्तार पार्टी का बहिष्कार कर दिया जिससे यह संकेत मिल रहा है कि जदयू को मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिलने में कठिनाई हो सकती है।