जन सुराज के सूत्रधार Prashant Kishore ने पटना के गांधी मैदान में 70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने और अन्य मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया। इस अनशन में उनके साथ बीपीएससी अभ्यर्थी और जन सुराज के कई नेता शामिल हुए हैं। यह अनशन बिहार की ध्वस्त होती शिक्षा व्यवस्था और प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ किया जा रहा है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक छात्रों को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। उनकी मांगें बिहार के युवाओं और शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी हैं।
Prashant Kishore ने रखी है 5 सूत्री माँग
Prashant Kishore की मुख्य मांगों में 70वीं बीपीएससी परीक्षा की पुनर्परीक्षा और उसमें हुई अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच शामिल है। इसके साथ ही, उन्होंने 2015 में शुरू की गई 7 निश्चय योजना के तहत 18 से 35 वर्ष के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की मांग की है।
पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितताओं और पेपर लीक की घटनाओं की जांच कराने पर भी जोर दिया गया है। बिहार की सरकारी नौकरियों में राज्य के युवाओं की दो-तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग भी उनकी सूची में शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बल दिया है।
प्रमुख नेता और छात्र भी धरने में शामिल हुए
Prashant Kishore के साथ दर्जनों बीपीएससी अभ्यर्थी और जन सुराज के कई नेता भी अनशन स्थल पर मौजूद हैं। इनमें आनंद मिश्रा, अफाक अहमद, सीताराम यादव, ललन यादव, किशोर कुमार, वसीम नैयर अंसारी, अनुराधा यादव, और डॉ. बी.बी. शाही जैसे नेता शामिल हैं।