
फुलपरास अनुमंडल कार्यालय में गुरुवार को बकरीद पर्व को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी अनीश कुमार ने की। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), अंचलाधिकारी (सीओ), अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी), थानाध्यक्षों, और सभी संबंधित प्रखंडों के पुलिस निरीक्षक एवं राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में शांति, सौहार्द और सामाजिक समरसता बनाए रखते हुए त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की रणनीति बनाना था।
एसडीओ अनीश कुमार ने सभी अधिकारियों और समाज के प्रतिनिधियों से कहा कि वे संवेदनशील इलाकों की पहचान कर वहां विशेष निगरानी रखें। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी भी सूचना को हल्के में न लिया जाए, और हर जानकारी का तत्काल सत्यापन कर उस पर उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर फैल रहे किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें, बल्कि उस पर मिलने वाली जानकारी को पुष्ट करने के बाद ही कोई निर्णय लें।
डीएसपी सुधीर कुमार ने बैठक में मौजूद लोगों से अपील की कि वे आपसी भाईचारा बनाए रखें और अफवाहों से बचें। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या हो, तो लोग बिना झिझक के पुलिस से संपर्क करें। डीएसपी ने भरोसा दिलाया कि पुलिस हर स्तर पर लोगों की मदद के लिए तत्पर रहेगी।
इस बैठक में विभिन्न थाना क्षेत्रों के थानाध्यक्षों ने भी अपने क्षेत्र की स्थिति की जानकारी दी। फुलपरास के थानाध्यक्ष पवन कुमार सिंह, घोघरडीहा के सर्वेश कुमार झा, नरहिया के रौशन कुमार, लालमनिया के विपिन कुमार यादव, अंधरामठ के सदन कुमार राम, लौकहा के शंकरशरण दास और खुटौना के नीतीश कुमार बैठक में उपस्थित थे और सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर तैयारी की जानकारी दी।
बैठक में राजद के प्रखंड अध्यक्ष डॉ. धनवीर यादव, कांग्रेस के रणधीर सेन, भाजपा नेता कृष्णा सिंह यादव, नगर अध्यक्ष संजय रजक, राजद नेता उमेश यादव, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक मंडल, अनुमंडल के कार्यपालक दंडाधिकारी अमित कुमार, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
बैठक के अंत में तय हुआ कि त्योहार के दौरान किसी प्रकार की उपद्रव की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए प्रशासन और समाज के लोग मिलकर जिम्मेदारी से काम करेंगे। सभी अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया गया कि वे त्योहार तक अपने क्षेत्रों में निरंतर गश्ती और निगरानी बनाए रखें और संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च भी कराएं, ताकि लोगों में सुरक्षा की भावना बनी रहे।